Mahila Work From Home Yojana 2025:डिजिटल युग में जब काम के तरीके तेजी से बदल रहे हैं, उसी दौर में राजस्थान सरकार ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम उठाया है।
महिला वर्क फ्रॉम होम योजना 2025 उन महिलाओं के लिए एक नया अवसर लेकर आई है, जो पारिवारिक जिम्मेदारियों, सामाजिक सीमाओं या व्यक्तिगत कारणों से घर से बाहर जाकर नौकरी नहीं कर सकतीं।
यह योजना केवल रोजगार उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनकर उभर रही है।
इस योजना का उद्देश्य है कि महिलाएं अपने घर से ही सम्मानजनक आय अर्जित कर सकें और आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भर न रहें।
खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और कमजोर सामाजिक वर्गों की महिलाओं के लिए यह योजना जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है।
सरकारी और निजी क्षेत्र में काम के विविध अवसर
महिला वर्क फ्रॉम होम योजना की सबसे बड़ी ताकत इसका विस्तृत कार्यक्षेत्र है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कई प्रतिष्ठित निजी कंपनियों और संस्थानों के साथ साझेदारी की है, ताकि महिलाओं को उनकी योग्यता और रुचि के अनुसार काम मिल सके।
इस योजना के तहत महिलाओं को दो प्रमुख श्रेणियों में काम के अवसर दिए जा रहे हैं।
पहली श्रेणी पारंपरिक कौशल आधारित है, जिसमें सिलाई-कढ़ाई, हस्तशिल्प, पैकेजिंग, घरेलू उद्योग और अन्य स्थानीय कार्य शामिल हैं। ये काम खासतौर पर उन महिलाओं के लिए उपयुक्त हैं, जिन्होंने औपचारिक उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की है।
दूसरी श्रेणी तकनीकी और डिजिटल कार्यों की है, जिसमें डाटा एंट्री, कंटेंट राइटिंग, वेब और ग्राफिक डिजाइनिंग, सोशल मीडिया मैनेजमेंट, टेली-कॉलिंग, अकाउंटिंग और ई-मित्र सेवाएं शामिल हैं।
इस तरह योजना यह सुनिश्चित करती है कि 8वीं पास महिला से लेकर उच्च शिक्षित महिला तक, सभी को उपयुक्त अवसर मिल सकें।
पदों की संख्या और भविष्य की योजना
राजस्थान सरकार ने इस योजना के पहले चरण में 5,040 से अधिक पदों पर महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। यह केवल शुरुआत है। सरकार की दीर्घकालिक योजना आने वाले कुछ वर्षों में लगभग 20,000 महिलाओं को इस योजना से जोड़ने की है।
इसका लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं उठा सकती हैं। योजना को चरणबद्ध तरीके से विस्तार दिया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं घर बैठे रोजगार प्राप्त कर सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
पात्रता मानदंड
महिला वर्क फ्रॉम होम योजना 2025 के लिए कुछ बुनियादी शर्तें तय की गई हैं। आवेदक महिला का राजस्थान की स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गई है। शैक्षणिक योग्यता के रूप में सामान्यतः 8वीं या 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है, हालांकि कुछ तकनीकी पदों के लिए अधिक योग्यता मांगी जा सकती है।
सरकार इस योजना में विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, दिव्यांग और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दे रही है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को चयन में वरीयता दी जाती है।
आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया
योजना की आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह सरल और ऑनलाइन रखा गया है। आवेदन के समय महिलाओं को आधार कार्ड या जन-आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो और सक्रिय मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है। कुछ पदों के लिए आय प्रमाण पत्र भी मांगा जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को mahilawfh.rajasthan.gov.in वेबसाइट पर जाना होता है। वहां “Apply” विकल्प पर क्लिक करके जन-आधार नंबर दर्ज करना होता है। OTP सत्यापन के बाद उम्मीदवार “Opportunity List” में जाकर अपनी योग्यता के अनुसार पद का चयन कर सकती हैं। सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन फॉर्म सबमिट किया जाता है।
वेतन संरचना और आय की संभावना
इस योजना के तहत मिलने वाला मानदेय कार्य की प्रकृति पर निर्भर करता है। सामान्य कार्यों में महिलाओं को लगभग ₹5,000 से ₹7,000 प्रति माह की आय हो सकती है। तकनीकी और डिजिटल कार्यों में यह राशि ₹7,000 से ₹10,000 या उससे अधिक तक जा सकती है। कुछ विशेषज्ञ स्तर के कार्यों में महिलाओं को ₹18750 की मासिक आय मिलने की संभावना रहती है।
नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
महिला रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार ने निजी कंपनियों के लिए भी प्रोत्साहन योजना लागू की है। जो संस्थाएं महिलाओं को कम से कम ₹5,000 मासिक वेतन देती हैं, उन्हें सरकार की ओर से प्रति महिला ₹3,000 तक की प्रशिक्षण प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इससे महिलाओं को कौशल विकास का अवसर मिलता है और कंपनियों को प्रशिक्षित कार्यबल।
किन महिलाओं को मिलेगा विशेष लाभ
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा उन महिलाओं को होगा, जो सामाजिक या आर्थिक कारणों से पीछे रह गई हैं। विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाएं, जिन्हें नियमित नौकरी पाना मुश्किल होता है, इस योजना से आत्मनिर्भर बन सकती हैं। दिव्यांग महिलाओं और घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए भी यह योजना एक नई शुरुआत का अवसर है। साथ ही, वे महिलाएं जो बच्चों या परिवार की देखभाल के कारण घर से बाहर काम नहीं कर सकतीं, उनके लिए यह योजना बेहद उपयोगी है।
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